हर साल की तरह इस साल भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2019 को की जाएगी. पूरे संसार की रचना भगवान विश्वकर्मा के हाथों से की गई थी. कहा जाता है कि इन्ही के कंधो पर भगवान ब्रह्म ने सृष्टि के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी. भगवान विश्वकर्मा को इंजीनियर और आर्किटेक्ट भी कहा जाता है. इस दिन फैक्ट्री, कारखानों और अन्य निर्माण स्थलों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और महलों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही किया गया था. इसी वजह से भगवान विश्वकरमा को निरमाण और सृजन का देवता भी माना जाता है. सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशुल, पांडवों के लिए इंद्रपस्थ नगप और भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका रचना भी भगवान विश्वकर्मा ने की थी. इस समस्त संसार की रचना विश्वकर्मा ने ही की थी.
उपरोक्त विषय में विश्वकर्मा पूजन का आयोजन IRB2 वाहिनी में भी किया गया जिस में उपसेनानायक श्रीमती मनीषा जोशी एवं अन्यं अदभकारी एवं कर्मचारियों द्वारा पूजन किया गया.